कई रंगों में रगें हैं, हो रहे है लाल गुलाल,
कई तरह की मस्ती है, जिसमें हुड़दंग और धमाल,
कई तरह की पिचकारी हैं, जिसमें पानी की फुहार,
आप सभी को मुबारक हो रंगों का त्यौहार।
- श्री मती कविता जी मोदी द्वारा लिखित
Kai rango me range hai, ho rahe hai lal gulal,
Kai tarah ki masti hai, jisme huradhang or dhamaal,
Kai tarah ki pichkari hai, jisme pani ki fuhar,
Aap sabhi ko mubarak ho ranngo ka tyohar.
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