Thursday 18 June 2015

ये लम्हा यूँही गुज़र जायेगा

ये लम्हा यूँही गुज़र जायेगा,
बिता हुआ लम्हा फिर नहीं आएगा,
करले कुछ कर्म अच्छे ऐ दोस्त,
जिससे तू हमेशा मुस्कुराएगा।

Ye lamha yuhi guzar jayega,
Bita hua lamha phir nahi aayega,
Karle kuchh karm achhe ae dost,
jisase tu hamesha muskurayegaa.



करनी कर ऐसी दुनिया के लिए,
हर दुवा काबुल हो जाये,
जब तक चले साँसे हमारी,
लबों पर तुम्हारा नाम आये।
- श्री मती कविता जी मोदी द्वारा लिखित

Karni kar aisi duniyaa ke liye,
Har duwa kabul ho jaye,
Jab tak chale saanse hamari,
Labo par tumhara naam aaye.

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